Attraction
आकर्षण कई प्रकार के होते हैं, Attraction, शारीरिक आकर्षण, प्रेम आकर्षण, घातक आकर्षण, विषाक्त आकर्षण हालांकि बाहरी स्तर पर दो प्रकार के होते हैं।
- किसी वस्तु के प्रति आकर्षण
- शारीरिक आकर्षण
किसी वस्तु के प्रति आकर्षित होना – आप किसी वस्तु के प्रति कैसे आकर्षित होते हैं? आज आप इसके बारे में विस्तार से जानेंगे।
जब हमारे लिए कुछ नया होता है तो हम उसकी ओर आकर्षित हो जाते हैं। क्योंकि उसे देखकर हम उस समय हैरान हो जाते हैं। क्योंकि उस समय हमारा ध्यान उस वस्तु की सुंदरता में खो जाता है। उसे देखकर हमे अच्छा फील होने लग जाता है।
अगर आपको कोई ब्यूटी चीज दिखे तो वैज्ञानिक प्रमाण। फिर आप उसकी ओर आकर्षित होने लगते हैं। इसके अलावा कई बार हम ऐसी चीजों की ओर आकर्षित हो जाते हैं। जो हमें अंदर से अच्छा लगता है, हमारे लिए सही है या नहीं, ऐसी चीजें देखकर हम आकर्षित होने लगते हैं। और कई बार जो हमारे काम का नहीं होता। हम उसकी ओर भी आकर्षित होने लगते हैं। क्योंकि उसके प्रति हमारे भीतर एक छिपा हुआ भय और इच्छा है।
जिनके अंदर किसी भी चीज की गहरी इच्छा होती है और वे हमारे सामने पूरी हो रही होती हैं। तो हम उसकी ओर आकर्षित होने लगते हैं।
आप वस्तु के प्रति कैसे आकर्षित होते हैं, यह आपको पता चल गया है कि यदि कोई वस्तु खराब है। या फिर यह देखना उतना अच्छा नहीं है और न ही हमें इसे देखकर अच्छा लग रहा है। तो हमारा ध्यान उस तरफ नहीं जाता, हमारा ध्यान अक्सर अच्छी चीज की तरफ जाता है। क्योंकि जब भी कोई चीज आपको अच्छी लगती है तो आप उसकी ओर आकर्षित हो जाते हैं।
शारीरिक आकर्षण (Physical attraction)
देखा जाए तो अपने से बेहतर व्यक्तित्व वाले लड़के या लड़की को देखने पर हम कई बार उसकी ओर आकर्षित होने लगते हैं। हमें शारीरिक आकर्षण बहुत पसंद है। क्योंकि इसे देखकर हमें संतुष्टि का अहसास होता है। इसलिए हम अच्छे शारीरिक स्तर को देखकर आकर्षित होने लगते हैं।
कई बार हम शारीरिक रूप से कुछ ऐसा देखते हैं कि वही चीज़ हमारे दिमाग में दिन-रात दौड़ने लगती है। ज्यादातर यह किसी खूबसूरत लड़कियों को देखकर ही होने लगता है या फिर आप किसी को दिल से प्यार करने लगते हैं। तब भी आप उसकी ओर आकर्षित होने लगते हैं। या फिर अगर हम मोबाइल में कुछ उल्टा – सीधा कंटेंट देखते हैं तो शारीरिक रूप से हम उसकी ओर आकर्षित होने लगते हैं।
और कभी कभी जब भी आपको किसी से कुछ चाहिए। होता है या जब हमारे पास करने को कुछ नहीं रहता। तो फिर हम ऐसी स्थिति में जो देखते हैं उसकी ओर आकर्षित होने लगते हैं। क्योंकि उससे हमे आनंद मिलता है और जहाँ पर हमे ख़ुशी का अहसास होता है. जैसे की फिजिकली अटैचमेंट में हमे ख़ुशी की अनुभूति होती है. तो हम उसके प्रति अट्रैक्ट होने लग जाते है और इसके आलावा किसी की गुड पर्सनालिटी लूकिंग है या फिर किसी की बॉडी शेप देखकर और किसी से eye कांटेक्ट करके या उसे टच करके या फिर किसी खुबसूरत लड़कियों को देखकर या फिर किसी शर्मीले व्यक्ति को देखकर भी फिजिकल अट्रैक्शन होता है.
किसी का अच्छा पहनावा या अलग तरह का पहनावा या खामोश इंसान देखकर भी लोग उसकी तरफ शारीरिक रूप से आकर्षित होने लगते हैं। इसके अलावा शारीरिक आकर्षण में कई चीजें आती हैं। जैसे बॉडी लैंग्वेज, बॉडी टेक्सचर, चलने का तरीका, यह हमें ओरो से अलग बनाता है। और इसके अलावा साफ-सुथरे कपड़े पहनना, अच्छा हेयरस्टाइल रखना आदि।
इमोशनल
बाहरी सुंदरता ही हमें आकर्षित करती है। लेकिन अंदर से हमारी खूबसूरती क्या है, यह भी हमें बहुत आकर्षित करती है। तो आइये इसके बारे में विस्तार से जानेंगे
जब भी आप इमोशनल होते हैं। तो सामने वाला आपसे या किसी और से बात करता है। तो मानसिक रूप से हम उसकी ओर आकर्षित होने लगते है अगर हम हर बात पर इमोशनल हो जाते हैं। तो यह हमें अनाकर्षक बनाता है। यदि हम परिस्थिति के अनुसार भावुक होते हैं तो यह हमें आकर्षक बनाता है।
लॉ ऑफ़ अट्रैक्शन
अगर हम किसी चीज के बारे में बार-बार सोचते रहते हैं। तो हमारा शरीर उसी तरह से प्रतिक्रिया करना शुरू कर देता है और ज्यादातर मामलों में हमें वह चीज मिल ही जाती है। क्योंकि हमारा तन और मन एक ही दिशा में काम करने लगता है। इसलिए हम जरूरत से ज्यादा किसी की ओर आकर्षित हो जाते हैं। तो यह हमारे शरीर और दिमाग के स्तर पर हमारे लिए उस काम को करना शुरू कर देता है। जिसकी हम कल्पना कर रहे होते है।
लेकिन यह जरूरी नहीं कि अगर हम उसकी ओर आकर्षित हों, तो हमें वह मिल ही जाए, ऐसा तभी होता है। जब हम किसी चीज़ को हासिल करने के लिए अपने शरीर और दिमाग के स्तर पर सही दिशा में काम करते हैं। फिर ऐसी स्थिति में इसे हासिल करने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। बहुत से लोगो का कहना है कि अगर आप किसी चीज के बारे में सोचते रहे तो वह हासिल हो जाती है। लेकिन आपको बता दें कि आकर्षण का नियम इस तरह काम नहीं करता है। जब तक आप इसे पाने के लिए सही दिशा में काम नहीं करते, यह हासिल नहीं होता।
आकर्षण का विकल्प कानून
Attraction का नियम ऐसा नहीं है। कि आप बैठकर कुछ भी सोचते हैं और वह होने लगता है, अब यह आपकी पसंद है कि आप किस दिशा में आकर्षण को अपनी ओर खींचते हैं। बैठने और सोचने से कुछ नहीं होता, भिखारी भी ऐसा सोचता है। की उसे सब कुछ मिल जाए लेकिन उसे नही मिलता और एक बच्चा जो भूखा है। अगर वह सिर्फ खाना के बारे में सोचता रहता है तो उसे सोचकर खाना नहीं मिलता है, उसके लिए उसे सही दिशा में काम करना होता है। ऐसे ही किसी चीज़ को पाने के लिए हमें तन और मन के स्तर पर व सही डायरेक्शन में कड़ी मेहनत करनी होती है। तब जाकर हमारी मनोकामना पूर्ण होती है।
विषाक्त आकर्षण
यही वो आकर्षण है। जो हमें पसंद नहीं है। और हम उनकी ओर आकर्षित होने लगते हैं। जैसे कि हमें जहरीले पदार्थ खाने में कोई दिलचस्पी नहीं होती है, लेकिन हमारी आदतों के कारण हम उनकी ओर आकर्षित होने लगते हैं। ऐसे ही जहरीले रिश्तों में रहना पसंद नहीं है। हमें लेकिन फिर भी हमें ऐसे रिश्ते में रहना पड़ता है। क्योंकि हम शारीरिक और मानसिक रूप से उसकी ओर आकर्षित होते हैं। और पूरी तरह से उस व्यक्ति पर निर्भर हो जाते है। और इसे प्यार का नाम दें देते है.
इसका दूसरा चरण। कि अगर आपके पड़ोस में या रिश्ते में कहीं भी झगड़े होते हैं। तो हम उनकी ओर आकर्षित होने लगते हैं। क्योंकि हमारा खुद पर इतना नियंत्रण नहीं होता है। ताकि हम खुद को वहां आकर्षित होने से रोक सकें। इसे नियंत्रित करने का एक ही तरीका है। कि उस माहौल में न रहकर हमें कहीं बेहतर माहौल में रहना शुरू कर देना चाहिए।
घातक आकर्षण (fatal Attraction)
जब हम किसी चीज को जरूरत से ज्यादा महत्व देते हैं तो कई बार आकर्षण इतना अधिक घातक बन जाता है। कि हमारे मन में हर समय उससे जुड़े विचार चलते रहते हैं। जैसे एक लड़के और एक लड़की के मामले में। वह अपने दिमाग में सामने वाले को इतना महत्व देते हैं। की इसके अलावा उन्हें कुछ भी नजर ही नहीं आ रहा होता और यह उनके लिए घातक साबित होता है।
प्रेम आकर्षण (love attraction)
यह Attraction इतना खतरनाक है। की जागते सोते बस यही नजर आता है कई बार लड़के लड़कियां Attraction को प्यार समझने की भूल कर बैठते हैं। और इस तरह वे इसमें फंस जाते हैं। और उनके लिए इस दौर से बाहर निकलना काफी मुश्किल हो जाता है। असल में प्यार वही है। जहां एक दूसरे का ख्याल रखा जाए और जहां आजादी हो और वहां कोई लड़ाई झगड़ा न हो रहा हो, अगर कुछ है भी तो वह ऊपरी स्तर पर, वास्तव में कोई लड़ाई नहीं हो रही हो